मैं किसी काम से नगर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय गया हुआ था। क्षेत्रीय अधिकारी से चर्चा करते समय ऑफिस में एक चेहरे से ही सीधे साधे लगने वाले शिक्षित युवक ने प्रवेश किया। उसने क्षेत्रीय अधिकारी को नमस्ते बोला और क्षेत्रीय अधिकारी के जवाब के इंतजार में एक तरफ खड़ा हो गया। क्षेत्रीय अधिकारी ने उसके नमस्ते के जवाब में सिर तक नहीं हिलाया और न ही उससे कोई प्रश्न किया बल्कि मुझसे चर्चा में व्यस्त रहे। पास ही एक बैंच तथा कुछ कुर्सियां पड़ी हुई थीं परंतु क्षेत्रीय अधिकारी ने न उससे बैठने को कहा और बिना कहे ना वो बैठा।
करीब दस मिनिट तक भी जब क्षेत्रीय अधिकारी ने उससे ये नहीं पूछा कि वो कौन है, क्या चाहता है तो मुझे बेचैनी सी हुई और मैंने उनसे कहा कि पहले आप इनकी बात सुन लें ये क्या चाहते हैं ?
``हां बोलो।´´ क्षेत्रीय अधिकारी ने उस युवक की तरफ एक उड़ती सी निगाह डालते हुये कहा।´´
``सर!´´ वो सभ्यता से बोला,``मेरी गली की सीवर लाइन जाम हो गई है। तीन दिन से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेहरबानी करके आप उसे ठीक करा दें।´´
``एप्लीकेशन लाये हो।´´ क्षेत्रीय अधिकारी बोला। ``हां सर।´´ उसने हस्तलिखित एक शिकायत पत्र क्षेत्रीय अधिकारी को थमा दिया।
``तुम जाओ।´´ क्षेत्रीय अधिकारी बोला,``मैं देखता हूं।´´
``सर कब तक हो जायेगी ठीक।´´ वो बोला,``और एप्लीकेशन की रिसीव मुझे मिल जाती तो ´´
``हो जायेगी एक दो दिन में,´´ क्षेत्रीय अधिकारी को गुस्सा आ गया,``और तुमको रिसीव चाहिये या सीवर ठीक करानी है।´´
``नहीं-नहीं।´´ वो युवक जल्दी से बोला,``आप तो सीवर ठीक करा दीजिये।´´ और फिर वह युवक ऑफिस से चला गया।
हम फिर बातों में व्यस्त हो गये तभी चेहरे से ही अनपढ़ तथा अशिक्षित लगने वाले दो युवकों ने ऑफिस में प्रवेश किया। एक ने क्षेत्रीय अधिकारी के सामने रखी एक कुर्सी खींची और उस पर पसर गया। दूसरा वहीं रखी बेंच पर बैठ गया। क्षेत्रीय अधिकारी ने मुझसे बात करना बंद कर उससे तुरंत पूछा,``क्या बात है ?´´
``क्या खाक बात है।´´ कुर्सी पर बैठा युवक उद्दंडता से बोला,``किस बात की तनख्वाह लेते हो तुम लोग। हमारी गली में सीवर लाइन पूरी तरह चौक पड़ी है, जगह जगह गंदगी फैली हुई है और तुम यहां बातें मटोल रहे हो।´´
``एप्लीकेशन लाये हो।´´ उसकी बातों को नजरअंदाज करते हुये क्षेत्रीय अधिकारी बोला।
``काहे की एप्लीकेशन।´´उस युवक की आवाज तेज हो गई। सीवर साफ करने एप्लीकेशन जायेगी। ये तुम्हारा काम है तुम्हारे वार्ड में कहां कहां क्या गडबड है उसे देखो और ठीक करो।´´
क्षेत्रीय अधिकारी को क्रोध आ गया,``तुम जानते हो मैं एक अधिकारी हूं और तुम्हें गुंडागदीZ के इल्जाम में बंद करवा सकता हूं।´´
``सुन वे,´´ वो युवक अभद्रता पर उतर आया। ``कितने दिन के लिये मुझे बंद करवायेगा,एक दिन, दो दिन उसके बाद तुझे कत्ल करूंगा और दस साल के लिये जाना पसंद करूंगा।´´
उसके बाद क्षेत्रीय अधिकारी के कस बल निकल गये। उसने तसल्ली से उस युवक को बैठने के लिये कहा। तुरंत बाहर आवाज लगाकर कर्मचारियों को बुलाया और उस युवक की समस्या का समाधान करने के लिये साथ भेज दिया।
मैं भी वहां से उठ आया लेकिन मेरे मन में ये प्रश्न बार बार कौंध रहा था कि ये कैसा जमाना आ गया है जहां सज्जन व्यक्ति को मूर्ख समझा जाता है और उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता जबकि दुर्जन की आवाज तुरंत सुन ली जाती है।